कहते हैं किसी भी चीज़ की अति अच्छी नहीं होती। ऐसे में वॉशिंग मशीन इससे अछूता भला कैसे रह सकता है। अत: अपनी वॉशिंग मशीन को ग़लती से भी ओवरलोड न करें वरना आपकी यह छोटी-सी भूल आप पर भारी पड़ सकती है।
१) कपड़े अच्छी तरह नहीं धुलते
ओवरलोड के कारण मशीन में कपड़ों को घूमने के लिए जगह नहीं मिलती। इस वजह से धोने के बाद भी कपड़े मैले ही रहते हैं। साथ ही ओवरलोड के कारण डिटर्जेंट पानी में पूरी तरह से घुल नहीं पाता और डिटर्जेंट आपके कपड़ों पर चिपका रहता है। ओवरलोड के वजह से आपके कपड़े भी ख़राब हो सकते हैं। पानी में साधारण डिटर्जेंट आसानीसे घुलते नहीं, इसलिए सर्फ़ लिक्विड डिटर्जेंट का इस्तेमाल करें। ये आसानीसे पानी में घुलते भी है और कपड़ों पर सफ़ेद दाग़ भी नहीं छोड़ते।
२) मशीन हो सकती है ख़राब
हर वॉशिंग मशीन की एक क्षमता होती है और इस क्षमता से अधिक कपड़े आपने उसमे धोएं, तो मशीन ख़राब हो सकती है। ओवरलोडिंग के वजह से वॉशिंग मशीन कपड़ों को धोने के लिए ज़्यादा पानी और सुखाने के लिए ज़्यादा समय लेती है। साथ ही ज़्यादा कपड़ों के कारण मशीन की मोटर सही तरीक़े से नहीं घूमती। इससे आपकी वॉशिंग मशीन ख़राब हो सकती है।

३) कपड़ों से डिटर्जेंट नहीं निकल पाता
ओवरलोड की वजह से कपड़ों को मशीन में घूमने के लिए जगह नहीं मिलती। इस वजह से डिटर्जेंट कपड़े और मशीन के ड्रम से चिपक जाते हैं। इससे मशीन और कपड़ों से अजीबसी गंध आती है और आगे चलकर डिटर्जेंट के छोटे-छोटे कण फफूंदी में बदल जाते हैं, जो कपड़ों में लगकर उन्हें दाग़दार बनाते हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप सर्फ़ एक्सेल मैटिक लिक्विड का इस्तेमाल करें। यह पानी में आसानीसे घुलता है और आपके कपड़ों पर या फिर मशीन के ड्रम में चिपकता नहीं।
४) ज़्यादा बिजली इस्तेमाल होगी
ओवरलोडिंग की वजह से मशीन कपड़ों को धोने के लिए ज़्यादा पानी, ज़्यादा समय और ज़्यादा साइकल का इस्तेमाल करती है। इससे मशीन ज़्यादा बिजली ख़र्च करती है । ओवरलोडिंग आपके मशीन को ख़राब करने के साथ आपके बिजली के ख़र्चे को भी बढ़ा सकती है।
क्या आप एक क्लीनिंग या लॉन्ड्री उत्पाद को खरीदने के लिए अधिक प्रवृत्त होंगे जिसके पैक पर एक दिखाई देता है QR कोड होता है तुलना में एक उत्पाद के साथ जिसमें QR कोड नहीं होता है?
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इस तरह आप कुछ बातों को ध्यान में रखकर ओवरलोडिंग से मशीन को होने वाले नुक़सान से बचा सकते हैं।