हाथ से कपड़े धोने में हमेशा ही ज़्यादा समय लगता है और जो शारीरिक थकान होती है, वो अलग। पर क्या आप जानते हैं, वॉशिंग मशीन की मदद से आप किस तरह अपने समय की बचत कर सकते हैं या ये कहें कि वॉशिंग मशीन किस तरह हाथ से कपड़े धोने में लगने वाले समय को कम करती है।
१) वॉशिंग मशीन बनाम हाथ से
अगर आप कपड़ों को हाथ से धो रहे हैं तो पहले आप कपड़ों को भिगोएंगे, फिर कुछ देर बाद १-१ कर कपड़ों को रगड़कर धोएंगे फिर इसे खंगालेंगे, निचोड़ेंगे और अंत में इसे सुखाने के लिए डोरी पर टांगेंगे। और इस तरह यह पूरी प्रक्रिया करने में आपका अच्छा ख़ासा समय ख़र्च होगा।
अगर वहीं सेमी-ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन में कपड़े धोते हैं तो आप बहुत कम समय में बिना ज़्यादा मेहनत के कई कपड़े धो सकते हैं। दरअसल, सेमी-ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन में दो ड्रम होते हैं, एक ड्रम में कपड़े धोए जाते हैं और दूसरे में निचोड़कर सुखाए जाते हैं। और इस तरह कम समय में कपड़े धुल और सूख जाते हैं। इतना ही नहीं, वॉश सायकल का इस्तेमाल कर आप एकसाथ सभी कपड़ों को खंगाल भी सकते हैं।
२) हाथ से, सेमी-ऑटोमैटिक बनाम ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन से
ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन, सेमी-ऑटोमैटिक से ज़्यादा आधुनिक और ख़ास फ़ीचर्स से लैस होती है। इसमें महंगे और नाज़ुक कपड़ों को धोने के लिए अलग से सेटिंग दी गई होती है। ऐसी वॉशिंग मशीन में आप ढेर सारे कपड़ों को कम समय में धोकर ड्रायर में सूखा भी सकते हैं।

वहीं सेमी-ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन में एकसाथ ज़्यादा कपड़ों को धो तो सकते हैं, लेकिन यह कपड़ों को धोने में ऑटोमैटिक वॉशिंग मशीन की अपेक्षा अधिक समय लेती है।
वहीं दूसरी तरफ़ अगर आप हाथ से एक समय में ढेर सारे कपड़ों को धोएंगे तो हो सकता है आपका आधा दिन निकल जाए।
ऐसी मशीनों में गर्म पानी की सेटिंग भी होती है, जिसका इस्तेमाल कर आप कपड़ों को धो सकते हैं। लेकिन सेमी-ऑटोमैटिक मशीन और हाथ से कपड़ों को धोते वक़्त आपको पहले पानी गैस, स्टोव या फिर गीज़र में गर्म करना होगा, उसके बाद ही आप पानी का इस ्तेमाल कर पाएंगे।
क्या आप एक क्लीनिंग या लॉन्ड्री उत्पाद को खरीदने के लिए अधिक प्रवृत्त होंगे जिसके पैक पर एक दिखाई देता है QR कोड होता है तुलना में एक उत्पाद के साथ जिसमें QR कोड नहीं होता है?
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तो अब आप समझ ही गए होंगे कि वॉशिंग मशीन के ये फ़ीचर्स किस तरह समय बचाते हैं।