हार्ड वॉटर सॉफ्ट से बेहतर नहीं होता है और सॉफ्ट वॉटर भी हमेशा पसंद किया जानेवाला विकल्प नहीं हो सकता. दोनों के अपने फायदे और कमियाँ हैं|
हार्ड वॉटर
आपने कभी न कभी किसी को अपने घर के पानी को हार्ड या सॉफ्ट बताते हुए सुना होगा और फिर सोच में पड़ गए होंगे कि इसका मतलब क्या है| कोई बात नहीं, ये कोई रॉकेट साइंस नहीं है, बस फर्क जानने के लिए ये पढ़िए|
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हार्ड वॉटर सॉफ्ट से बेहतर नहीं होता है और सॉफ्ट वॉटर भी हमेशा पसंद किया जानेवाला विकल्प नहीं हो सकता. दोनों के अपने फायदे और कमियाँ हैं|
हार्ड वॉटर
इसमें घुले हुए मिनरल्स की मात्रा अधिक होती है, जैसे कि कैल्शियम या मैग्नीशियम.
अपने शुद्ध स्वरूप में पानी के अंदर हार्ड वॉटर के मिनरल्स नहीं होते| जब पानी अलग अलग स्रोतों और पाइपलाइन्स से होकर बहता है तो इसमें कई सारे तत्व मिलते जाते हैं जैसेकि चूने का पत्थर, कभी कभी हार्ड वॉटर को पीने के लिए पसंद किया जात है, इसी लिए नहीं कि उसमें मिनरल्स हैं बल्कि स्वाद भी है|
सॉफ्ट वॉटर
सॉफ्ट वॉटर में थोड़े से या बिलकुल रसायन नहीं होते. एक सामान्य वॉटर प्यूरीफायर इन रसायनों को दूर कर सकता है|
सॉफ्ट वॉटर में हार्ड वॉटर की तरह मिनरल्स का स्वाद नहीं होता और ये त्वचा, बर्तनों या अप्लायंसेस पर कोई अवशेष नहीं छोड़ता|
सॉफ्ट वॉयर में कपड़े धोने से आपके कपड़े उजले बने रहते हैं| इसके साथ ही, सिंक्स, टब्स, शॉवर्स, फॉसेट्स और अन्य बाथरूम फिटिंग्स पर पानी के कारण धब्बे नहीं लगते|
सॉफ्ट वॉटर पाइप्स और प्लंबिंग फिक्सचर्स में अन्य रसायनों की परत जुटने नहीं देता|
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