
देश के कई हिस्सों में लोग पानी की कमी से परेशान हैं। ऐसे में हमें हर वक़ ्त पानी की बचत करने के बारे में सोचना चाहिए। फिर चाहे आप ब्रश कर रहे हों, नहा रहे हों या फिर कपड़े धो रहे हों। वैसे देखने जाएं तो कई लोग हाथ से कपड़े धोते हैं और कुछ लोग कपड़ों को धोने के लिए वॉशिंग मशीन का इस्तेमाल करते हैं। अगर आपको नहीं मालूम है कि किस तरह से कपड़े धोने से पानी की बचत होती है, तो इस लेख को ज़रूर पढ़ें।
१) हाथ से कपड़े धोना
आज भी काफ़ी लोग हाथ से कपड़े धोते हैं। सच कहें तो हाथ से कपड़े धोने में न सिर्फ़ मेहनत और समय अधिक लगता है, बल्कि पानी भी अधिक ख़र्च होता है। जी हां, सही सुना आपने। दरअसल, हाथ से कपड़े धोते समय आप इस बात का अंदाज़ा नहीं लगा पाते कि कपड़ों को धोने के लिए कितना पानी लगेगा। इस वजह से कपड़े धोने और फिर उन्हें खंगालने में पानी अधिक ख़र्च होता है। तो कभी-कभी अधिक डिटर्जेंट के इस्तेमाल से भी अधिक पानी की ज़रूर त होती है।
ऐसे में आप पानी की बचत के लिए हाथ से कपड़े धोते वक़्त रिन डिटर्जेंट बार का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह आधे पानी में कपड़ों की धुलाई करता है और बाज़ार में आसानी से उपलब्ध भी है।
२) वॉशिंग मशीन में कपड़े धोना
हाथ की बजाय अगर आप वॉशिंग मशीन से कपड़े धोते हैं तो न सिर्फ़ मेहनत और समय कम लगता है, बल्कि पानी की भी बचत होती है। वॉशिंग मशीन में कपड़े धोने के लिए पानी की ज़रूरत के हिसाब से सेटिंग होती है यानी आप कपड़ों के हिसाब से पानी की सेटिंग कर सकते हैं। इससे ज़रूरत भर ही पानी का इस्तेमाल होता है। लेकिन कुछ मशीनें ऐसी भी होती हैं जिसमें एक निर्धारित क्षमता तक पानी भरना ज़रूरी है। असल में ऐसी वॉशिंग मशीन में निर्धारित क्षमता तक अगर पानी नहीं भरा जाए तो मशीन स्टार्ट नहीं होती है। अगर आपके पास ऐसी ही वॉशिंग मशीन है, तो बेहतर होगा कि आप कपड़ा इकट् ठा करें और उन्हें एकसाथ धोएं।

तो अब आप जान गए होंगे कि किस तरह कपड़ों की धुलाई कर पानी बचाया जा सकता है।
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